Skip to main content

ठीक हुए लोगों की संख्या करीब 11 लाख हुई, पिछले 24 घंटों में 36,500 से ज्यादा लोग ठीक हुए, देश में वर्तमान में 5,65,103 सक्रिय मामलें


पहले लॉकडाउन के बाद से भारत में कोरोना के मामलों में मृत्यु दर (सीएफआर) सबसे कम 2.15 प्रतिशत हुई

ठीक हुए लोगों की संख्या करीब 11 लाख हुई

पिछले 24 घंटों में 36,500 से ज्यादा लोग ठीक हुए




Date: 01 AUG 2020 2:43PM Delhi

 

भारत वैश्विक स्तर पर कोविड-19 की सबसे कम मृत्यु दर दर्ज करने और उसे बनाए रखने में लगातार सफल रहा है। आज देश में कोरोना के मामलों में मृत्यु दर 2.15 प्रतिशत है और यह पहले लॉकडाउन की शुरुआत के बाद से सबसे कम है। जून के मध्य में यह लगभग 3.33 प्रतिशत थी जिसमें लगातार गिरावट आ रही है।


यह केंद्र के साथ-साथ राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश सरकारों की "जांच, खोज, उपचार" के लिए समन्वित, पूर्व-निर्धारित, वर्गीकृत और विकसित रणनीति और प्रयासों को दर्शाता है।  अस्पताल के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के साथ-साथ त्वरित परीक्षण ने कोविड-19 के रोगियों की शीघ्र पहचान और गंभीर रोगियों की पहचान को सक्षम बनाया है जिससे मृत्यु की संख्या में कमी आई है।



सीएफआर की दर को कम रखने के साथ-साथ, कंटेनमेंट रणनीति के सफल कार्यान्वयन, त्वरित परीक्षण और व्यापक देखभाल दृष्टिकोण के आधार पर मानकीकृत नैदानिक प्रबंधन प्रोटोकॉल के परिणामस्वरूप, ठीक होने वालों की संख्या 30,000/दिन के स्तर पर लगातार बनी हुई है।


अब ठीक हुए लोगों की कुल संख्या करीब 11 लाख हो गई है। पिछले 24 घंटों में 36,569 रोगियों को अस्पताल से छुट्टी दिए जाने के साथ ही, ठीक हुए लोगों की संख्या 10,94,374 तक पहुंच गई है। कोविड-19 रोगियों के बीच ठीक होने की दर 64.53 प्रतिशत है।


ठीक होने वालों की संख्या में इस प्रकार की लगातार वृद्धि के साथ, कोविड-19 से ठीक हुए मामलों और सक्रिय मामलों के बीच का अंतर वर्तमान में 5,29,271 हो गया है। सभी सक्रिय मामलों (5,65,103) को चिकित्सा निगरानी के अंतर्गत रखा गया हैं।


निर्बाध रोगी प्रबंधन के साथ-साथ तीन-स्तरीय अस्पताल अवसंरचना ने तीव्र गति से गंभीर रोगी की पहचान और उपचार सुनिश्चित किया है। वर्तमान में, 2,49,358 आइसोलेशन बेड, 31,639 आईसीयू बेड और 1,09,119 ऑक्सीजन समर्थित बेड, 16,678 वेंटिलेटर के साथ 1,448 कोविड समर्पित अस्पताल काम कर रहे हैं। 2,07,239 आइसोलेशन बेड, 18,613 आईसीयू बेड और 74,130 ऑक्सीजन समर्थित बेड और 6,668 वेंटिलेटर के साथ 3,231 समर्पित कोविड स्वास्थ्य केंद्र भी चालू किए गए हैं। इसके अलावा, देश में कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए 10,02,681 बिस्तरों के साथ 10,755 कोविड केयर सेंटर भी उपलब्ध हैं। केंद्र ने राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय संस्थानों को 273.85 लाख एन95 मास्क और 121.5 लाख जीवन रक्षक उपकरण (पीपीई) और 1083.77 लाख एचसीक्यू की टैबलेट भी प्रदान की हैं।


कोविड-19 से संबंधित तकनीकी मुद्दों, दिशा-निर्देशों और सलाहों के बारे में सभी प्रामाणिक और अद्यतन जानकारी के लिए, नियमित रूप से देखें: https://www.mohfw.gov.in/ और @MoHFW_INDIA                


कोविड-19 से संबंधित तकनीकी प्रश्नों को technicalquery.covid19@gov.in पर और अन्य प्रश्नों को ncov2019@gov.in पर ई-मेल और @CovidIndiaSeva पर पूछा जा सकता है।


कोविड-19 से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के हेल्पलाइन नंबर- : +91-11-23978046 or 1075 (टोल फ्री) पर कॉल करें।


कोविड-19 पर राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के हेल्पलाइन नंबरों की सूची https://www.mohfw.gov.in/pdf/coronvavirushelplinenumber.pdf पर उपलब्ध है।


Bkk News


Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर


Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets - http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar


Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं