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इंटरनेट ऑफ थिंग्स भविष्य की तकनीक- रघुराम भट्ट

विक्रम विश्वविद्यालय में हुआ इंटरनेट ऑफ थिंग्स वर्कशॉप का आयोजन इंटरनेट ऑफ थिंग्स के उपयोग से भविष्य में अनेक अविष्कार संभव हो सकेंगे। आज भी स्मार्ट सिटी, खेती, मेडिकल, मौसम इत्यादि क्षेत्रो में इंटरनेट ऑफ थिंग्स के कारण अत्यधिक सुविधाजनक तकनीकें एवं अनुप्रयोग उपयोग में आ रहे हैं। इन आविष्कारों के कारण मानव जीवन को सुगम एवं सुविधजनक बनाने में आसानी हो रही है। उक्त विचार इंटरिंसिक मुख्य तकनीकी अधिकारी श्री रघुराम भट्ट ने इंटरनेट ऑफ थिंग्स वर्कशॉप में रखे। इंटरनेट ऑफ थिंग्स वर्कशॉप का आयोजन विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कंप्यूटर विज्ञान संस्थान द्वारा किया गया। वर्कशॉप के प्रारंभिक सत्र में संस्थान के निदेशक डॉ उमेश कुमार सिंह ने वर्कशॉप एवं इंटरनेट ऑफ थिंग्स के बारे में जानकारी प्रदान की। द्वितीय सत्र में श्री रघुराम भट्ट एवं श्री आनंद पाटीदार ने विभिन्न हार्डवेयर एवं सेंसर के माध्यम से आईओटी के विभिन्न आयामों को विस्तार से समझाया। कार्यक्रम का संचालन नोडल अधिकारी श्री शेखर दिसावल ने किया। वर्कशॉप में संस्थान के शिक्षक एवं छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। इस अवसर पर

बी एससी ऑनर्स बायोटेक्नोलॉजी की छात्राओं का शोध पत्र यू. जी. सी. मान्य जर्नल में प्रकाशित

विक्रम विश्वविद्यालय के प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला की बी एससी ऑनर्स बायोटेक्नोलॉजी की छात्राओं का शोध पत्र यू. जी. सी. मान्य जर्नल में प्रकाशित उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला की बी एससी (ऑनर्स ) बायोटेक्नोलॉजी की छात्राओं कुमारी चारवी मदान एवं कुमारी हर्षिता पांडेय का शोध पत्र यू. जी. सी. मान्य जर्नल में प्रकाशित हुआ है। गौरतलब है कि प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के छात्र पिछले एक वर्ष से अधिक समय से अलग-अलग प्रकार के हर्बल उत्पाद विकसित कर रहे हैं, जिनमें हर्बल क्रीम, हर्बल चाय, टोनर, हर्बल सैनिटाइज़र एवं हर्बल चॉकलेट शामिल है। हाल ही में इन छात्रों ने गुड़हल (चाइना रोज) का इस्तेमाल कर एक हर्बल चॉकलेट का निर्मल किया है एवं उससे जुड़ा शोध पत्र यू जी सी मान्य जर्नल इंडियन जर्नल ऑफ़ साइंटिफिक रिसर्च में प्रकाशित किया है। छात्राओं ने यह कार्य विभाग के शिक्षक डॉ अरविन्द शुक्ल एवं डॉ शिवि भसीन के मार्गदर्शन में किया है। उन्होंने इस कार्य को विस्तार से समझाते हुए बताया कि छात्रों द्वारा ऐसी हर्बल चॉकलेट का निर्माण किया गया है, जो

अपनी लर्निंग को स्वयं तक सीमित न रखे - डॉ सी. सी. त्रिपाठी

केंद्र सरकार के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए एनआईटीटीटीआर भोपाल में ई-वेस्ट पर कार्यशाला भोपाल । एनआईटीटीटीआर भोपाल ने ई-कचरा प्रबंधन पर एक दिवसीय हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें केंद्र सरकार के विभिन्न संगठनों के 22 प्रतिभागियों ने भाग लिया। एनआईटीटीटीआर भोपाल के निदेशक डॉ सी.सी. त्रिपाठी ने केंद्र सरकार के विभिन्न संगठनों के प्रतिभागियों को संयुक्त प्रयासों के माध्यम से समाज की बेहतरी में योगदान करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा की अपनी लर्निंग को स्वयं तक सीमित न रखते हुए समाज को जागरूक करने का भी प्रयास करें। स्वच्छ भारत अभियान में अपना योगदान देते हुए जीरो वेस्ट कैंपस बनाने का विचार धरातल पर कार्यान्वित होते हुए दिखे। डॉ सी.सी. त्रिपाठी ने प्रतिभागियों को हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार की दिशा में काम करने के लिए आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमें अन्य क्षेत्रीय भाषाओँ को सीखने का भी प्रयास करना चाहिए। डॉ. पी.के. पुरोहित ने कहा कि ई-कचरा हमारे पर्यावरण के लिए एक बड़े खतरे के रूप में उभर रहा हे इसलिए इनका वैज्ञानिक तरीके से रीसायकल करना बहुत महत्वपूर्ण है।

विक्रम विश्वविद्यालय में 17 लाख रुपये की लागत से होगा सर्कल के पोल - फेंसिंग और वृक्षारोपण का कार्य

उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की शान समझे जाने वाले सर्कल, जो कि शहर के स्वास्थ्यप्रेमियों एवं विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों के मॉर्निंग और इवनिंग वाक के लिये मशहूर है, के आस-पास पोल - फेंसिंग और वृक्षारोपण का कार्य माननीय उच्च शिक्षा मंत्री डा मोहन यादव के प्रयासों से एवं कार्यपरिषद सदस्य एडव्होकेट संजय नाहर की अनुशंसा पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय द्वारा एवं कार्यपरिषद सदस्यों द्वारा वन विभाग से करवाये जाने हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके अंतर्गत 600 मीटर रेडियस की गोलाई में सीमेंट पोल, फेंसिंग कार्य तथा बृहद् वृक्षारोपण एवं मियावाकी का कार्य किया जाएगा। इसकी अनुमानित लागत 17 लाख रुपये है। उक्त कार्य का भूमिपूजन कार्यपरिषद् सदस्य संजय नाहर द्वारा किया गया एवं पूजन विधान पं. सर्वेश्वर शर्मा द्वारा कराया गया। इस अवसर पर डा किरण बिसेन, वन मंडलाधिकारी उज्जैन, कुलसचिव प्रशांत पुराणिक, कुलानुशासक शैलेन्द्र कुमार शर्मा, डॉ शिवी भसीन, वन विभाग के कर्मचारी, विक्रम विश्वविद्यालय के अधिकारी, कर्मचारी आदि उपस्थित थे। इससे

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर हुई अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी और विद्यार्थियों एवं शोधकर्ताओं के लिए व्याख्यान प्रतियोगिता

मौलिक ढंग से सोचने - विचारने की क्षमता देती है मातृभाषा – डॉ मीरासिंह शिक्षा में समानता और लोक व्यापीकरण के लिए मातृभाषा को माध्यम बनाना आवश्यक – प्रो शर्मा अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर हुई अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी और विद्यार्थियों एवं शोधकर्ताओं के लिए व्याख्यान प्रतियोगिता उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन एवं बैंक ऑफ बड़ौदा, अंचल कार्यालय, भोपाल के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर दिनांक 21 फरवरी, मंगलवार को दोपहर में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी एवं व्याख्यान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी मातृभाषा में शिक्षा और व्यक्तित्व विकास का विकास : चुनौतियां और संभावनाएं विषय पर केंद्रित थी। शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों के लिए व्याख्यान स्पर्धा का आयोजन बैंक ऑफ बड़ौदा के सौजन्य से वाग्देवी भवन स्थित हिंदी अध्ययनशाला एवं पत्रकारिता और जनसंचार अध्ययनशाला के संयुक्त तत्त्वावधान में किया गया। इस प्रतियोगिता का विषय था अपनी भाषा में व्यक्तित्व का विकास। संगोष्ठी की मुख्य अतिथि फिलाडेल्फिया, यूएसए की वरिष्ठ शिक्षाविद एवं साहित्यकार ड

विश्वविद्यालय के सत्ताईसवें दीक्षान्त समारोह का आयोजन दिनांक 22 मार्च, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, गुड़ी पड़वा को उज्जैन में

  पात्र अभ्यर्थियों के पंजीयन की अंतिम तिथि दिनांक 15 मार्च 2023 रहेगी  उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन का 27 वाँ दीक्षान्त समारोह चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, गुड़ी पड़वा तदनुसार दिनांक 22 मार्च, 2023 को सम्पन्न होगा। विश्वविद्यालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार इस समारोह में वर्ष 2022 के पीएच. डी. एवं डी. लिट. उपाधि धारकों (01 जनवरी, 2022 से 31 दिसम्बर, 2022) को उपाधि, तथा वर्ष 2022 की स्नातक परीक्षाओं की प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान प्राप्त अभ्यर्थियों को केवल स्वर्ण पदक प्रदान किए जायेंगे। वर्ष 2022 की स्नातकोत्तर परीक्षाओं की प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान प्राप्त अभ्यर्थियों को उपाधियाँ एवं विश्वविद्यालय द्वारा घोषित स्वर्ण पदक प्रदान किये जायेंगे। यह जानकारी देते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. प्रशांत पुराणिक ने बताया कि सभी पात्र अभ्यर्थियों से अनुरोध किया गया है कि वे दीक्षान्त समारोह में पंजीकृत होकर अपनी उपाधि / पदक प्राप्त करें। विद्यार्थी एम.पी. ऑनलाईन के माध्यम से पंजीयन शुल्क रू. 500/- के साथ पंजीकरण कराएं। पीएच.डी. / डी. लिट उपाधि धारक पंजीयन शुल्क के अतिरि

शिव सत्य, ज्ञान और अनंत रूप हैं और उनके मूल भी – प्रो शर्मा

   साहित्य, कला और संस्कृति में शिव तत्व पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न  छत्रपति शिवाजी महाराज समारोह पर अन्तरराष्ट्रीय आभासी संगोष्ठी हुई साहित्य एवं संस्कृतिकर्म के लिए सक्रिय प्रतिष्ठित संस्था राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा साहित्य, कला और संस्कृति में शिव तत्व पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन महाशिवरात्रि पर्व पर किया गया। साथ ही छत्रपति शिवाजी महाराज का जयंती के अवसर पर अन्तरराष्ट्रीय वेब संगोष्ठी आयोजित की गई, जिसका विषय महाराष्ट्र के परमवीर शिवाजी का राष्ट्रीय और सांस्कृतिक  योगदान था। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के अध्यक्ष, कला संकाय एवं कुलानुशासक प्रो. शैलेन्द्रकुमार शर्मा थे। अध्यक्षता शिक्षाविद श्री ब्रजकिशोर शर्मा अध्यक्ष राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन ने की। विशेष अतिथि श्रीमती शैली भागवत इन्दौर, मनीषा पाटील, श्रीमती वंदना गुप्ता, डॉ नीना शर्मा, नाथद्वारा एवं कृष्णा श्रीवास्तव थीं।  संगोष्ठी मुख्य अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय के कला संकायाध्यक्ष डॉ. शैलेन्द्रकुमार शर्मा उज्जैन ने कहा कि देवाधिदेव महादेव का लोक और शास्त्रीय

शिक्षा सिर्फ जानकारी देना नहीं, वह तभी सार्थक जब व्यक्ति को वातावरण के अनुकूल ढलना सिखाये - कुलपति प्रो पांडेय

महत्त्वपूर्ण संगोष्ठी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला कुलपति प्रो पांडेय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर माता गुजरी महाविद्यालय, जबलपुर द्वारा आयोजित एक दिवसीय महत्त्वपूर्ण संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की चुनौती एवं संभावनाएं विषय पर व्याख्यान देते हुए, इसके विभिन्न पहलुओं को स्पष्ट किया। मातागुजरी महाविद्यालय, जबलपुर द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की चुनौती एवं संभावनाएं विषय पर विशिष्ट व्याख्यान देते हुए, इसके विभिन्न पहलुओं को समझाया।  अपने व्याख्यान में कुलपति प्रो पांडेय ने कहा कि प्राचीन भारत के समय से ही शिक्षा का उद्देश्य केवल शास्त्रों का ज्ञान देना नहीं था, अपितु व्यक्ति को उचित-अनुचित में भेद करते हुए वातावरण के अनुसार खुद को परिवर्तित करना सीखाने का था। अपनी बात को बढ़ाते हुए उन्होंने कहां कि नई

प्रभारी मंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री सहित जनप्रतिनिधियों ने विकास यात्रा के दौरान करोड़ों रुपये के कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि पूजन किया

उज्जैन 17 फरवरी। वित्त, सांख्यिकी एवं उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव, सांसद श्री अनिल फिरोजिया, विधायक श्री पारस जैन, महापौर श्री मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव आदि जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में शुक्रवार 17 फरवरी को अलग-अलग स्थानों पर करोड़ों रुपये के निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि पूजन हुआ। पंचकर्म वेलनेस सेन्टर का शुभारम्भ इस अवसर पर प्रभारी मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने जनता की सेवा के लिये समर्पित आयुर्वेद चिकित्सालय एवं पंचकर्म वेलनेस सेन्टर का शुभारम्भ किया। सेन्टर की प्रशंसा करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों ने आपसी समन्वय से उक्त संस्था का विस्तारीकरण में अहम भूमिका निभाई है, उन सबको बधाई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष जब-जब जनप्रतिनिधियों ने विकास के मामले में कोई प्रस्ताव दिया, उन प्रस्ताव को सहर्ष स्वीकार किया है, तभी आज इतने सारे विकास कार्य एवं भूमि पूजन हुए हैं। संस्था की प्रगति के साथ-साथ विकास के कामों को हम सब मिलकर कार्य करेंगे। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोह

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