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विक्रम विश्वविद्यालय की पैंतीस से अधिक अध्ययनशालाओं और संस्थानों में संचालित 234 से अधिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया निरन्तर जारी

सीयूईटी के माध्यम से स्नातक पाठ्यक्रमों में चौरासी हजार से अधिक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में इक्यावन हजार से अधिक विद्यार्थियों ने विक्रम विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए आवेदन किया उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की विभिन्न अध्ययनशालाओं और संस्थानों में संचालित 234 से अधिक पाठ्यक्रमों में मेरिट के आधार पर प्रवेश के लिए प्रक्रिया निरंतर चल रही है। इन पाठ्यक्रमों के लिए एमपी ऑनलाइन के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन जमा किए जा रहे हैं। इस वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर प्रारम्भ हुई संयुक्त विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा - सीयूईटी के लिए बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने विक्रम विश्वविद्यालय में संचालित स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन किए हैं। सीयूईटी - पोर्टल के अनुसार विक्रम विश्वविद्यालय में संचालित 27 स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अब तक 84652 विद्यार्थियों ने और 70 स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए इक्यावन हजार से अधिक विद्यार्थियों ने आवेदन किए हैं। एमपी ऑनलाइन के माध्यम से मेरिट के आधार पर प्रवेश के लिए अब तक साढ़े तेरह सौ से अधिक विद्यार्थियों ने आवेदन किए हैं।

स्वेच्छानुसार सही पाठ्यक्रम का चयन कर अपने भविष्य का निर्माण करें विद्यार्थीगण

विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय चलो अभियान की शुरुआत हुई उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय चलो अभियान की शुरुआत की गई है। मध्य प्रदेश शासन के कॉलेज चलो अभियान की नीति को साकार करते हुए इसके अंतर्गत विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा आने वाले एक माह तक अलग-अलग विद्यालयों और महाविद्यालयों में जाकर करियर काउन्सलिंग सेमिनार का आयोजन और विश्वविद्यालय द्वारा संचालित विभिन्न विषय क्षेत्रों से जुड़े 234 से अधिक पाठ्यक्रमों की जानकारी प्रदान करते हुए अधिक से अधिक विद्यार्थियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है।   विद्यार्थियों को उनके रुचि के अनुरूप विषय में चयन करने हेतु मार्गदर्शन आवश्यक होता है। अधिकांश विद्यार्थियों को अनेक पाठ्यक्रमों के महत्त्व तथा भविष्य में उस क्षेत्र में नौकरी की संभावनाओं का उचित ज्ञान नहीं होता। विभिन्न संस्थानों द्वारा संचालित महत्वपूर्ण पाठ्यक्रमों की जानकारी भविष्य निर्माण के लिए आवश्यक होती है, अतः विद्यार्थियों की ऐसी समस्याओ के समाधान हेतु विक्रम विश्वविद्यालय के द्वारा  विश्वविद्यालय चलो अभियान प्रारम्भ करते हुए विद्यार्थियों को

विक्रम विश्वविद्यालय में अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस पर हुआ योग महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के माधव भवन परिसर में योगकेन्द्र - दर्शनशास्त्र अध्ययनशाला द्वारा 21 जून 2022 को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग महोत्सव का महत्त्वपूर्ण आयोजन संपन्न हुआ। योगाभ्यास कार्यक्रम में पतंजलि योग स्वाभिमान, भारत स्वाभिमान मंच, महिला पतंजलि योग समिति की मालवा एवं मध्यप्रदेश इकायों के स्वयंसेवक, होमगार्ड के जिला कमांडेण्ट से लगभग दो सौ जवानों सहित भारतीय रेडक्रास सोसायटी, राष्ट्रीय सेवा योजना एवं राष्ट्रीय कैडेट कोर की तेरहवीं बटालियन के स्वयंसेवकों ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। योग महोत्सव कार्यक्रम में प्रधानमन्त्री माननीय नरेन्द्र मोदी एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमन्त्री माननीय शिवराज सिंह चौहान के उद्बोधन का ऑनलॉइन प्रसारण किया गया। ततपश्चात योग प्रोटोकाल के अनुसार उपस्थित सैकड़ों शिक्षकों, कर्मचारियों, शिक्षकों और उपस्थित जनों को योगाभ्यास कराया गया। योगाभ्यास कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों के एक साथ योगा प्रोटोकाल के अनुसार योगासन करने से मनमोहक दृश्य बन रहा था।  योगाभ्यास कार्यक्रम में कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय, कुलसचिव प्रो. प्र

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ऋषि नगर उज्जैन द्वारा मानवता के लिए योग विषयक कार्यक्रम आयोजित किया गया

उज्जैन। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ऋषि नगर उज्जैन द्वारा मानवता के लिए योग विषयक कार्यक्रम आयोजित किया गया । जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में अंतरराष्ट्रीय वक्ता भ्राता अरुण ऋषि जी, योगा लाइफ सोसायटी अध्यक्ष भ्राता गिरजेश व्यास जी, पतंजलि योगाचार्य डॉक्टर किशोर सोनी जी, ब्रह्माकुमारी राजयोगिनी उषा दीदी जी उपस्थित थे। स्वस्थ जीवन का आधार प्राकृतिक जीवन शैली उक्त विचार भ्राता अरुण ऋषि जी ने दिए। साथ ही उन्होंने कहा भोजन ब्रह्म तत्व है जिसे हमें मौन में ग्रहण करना चाहिए । सारी बीमारियों का जड़ हमारा पेट ,अतः शुद्ध सात्विक संयमित आहार का सेवन करें। योगा लाइफ सोसायटी के अध्यक्ष भ्राता गिरजेश व्यास जी ने कहा भोजन जिसके बिना हम लगभग 50 दिन तक रह सकते हैं उसके लिए बहुत सारे ऑप्शन रखते हैं, पानी जिसके बिना 8 दिन गुजारना मुश्किल होगा और हवा जिसके बिना 8 मिनट भी असंभव लगने लगता है इस अनिवार्य स्वास के बारे में तो हम सोचते ही नहीं हैं। हमें अपनी श्वास की गति को धीमी करते जाना है ।जितनी श्वास की गति धीमी इतनी लंबी आयु एवं स्वस्थ जीवन प्राप्त करेंगे। डॉक्टर कि

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