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शक्ति उपासना : सांस्कृतिक और सामाजिक परिपेक्ष्य मे अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी

  राष्ट्रीय प्रतिष्ठित संस्था राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा शक्ति उपासना: सांस्कृतिक और सामाजिक परिपेक्ष्य विषय पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिस के मुख्य अतिथि श्री बृजकिशोर शर्मा, इंदौर, मुख्य वक्ता, प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा, उज्जैन, विशिष्ट अतिथि, डॉक्टर शहाबुद्दीन नियाज मोहम्मद शेख, पुणे महाराष्ट्र, विशिष्ट वक्ता, डॉ प्रभु चौधरी, उज्जैन, अध्यक्षता, श्रीमती सुवर्णा जाधव, मुंबई मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के अध्यक्ष श्री ब्रजकिशोर शर्मा, इंदौर ने कहा, कि प्रकृति के गूढ़ शक्ति भारतीय संस्कृति में ही है। वंश,परिवेश,खानपान की परंपरा में नवरात्रि भी एक परिवारिक उत्सव है। नवरात्रि शक्ति की आराधना की आवश्यकता है। नवरात्रि में यह साधना नवशक्ति रूप में भय का नाश करती है। विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित प्राचार्य डॉ शहाबुद्दीन नियाज मोहम्मद शेख,पुणे, महाराष्ट्र में कहा कि नवरात्रि संस्कृत शब्द है जिसमें नवरात्रि का उल्लेख है जो नौ दिन तक मनाया जाता है। और दसवीं दिन की विजयादशमी मनाते हैं। प्राचीन काल से महिषासुर ने ब्रह्मा से वरदान

राधा पूछे कौन है राधा... (राधारानी की महाभाव स्थिति)

एक बार श्री राधा अपनी सखियों के संग यमुना किनारे बैठी होती हैं। सभी सखी आपस में श्री राधा और श्यामसुन्दर के प्रेम की बातें करती हैं। कोई कहती है राधा के रोम रोम में श्यामसुन्दर बसे हैं। राधा के समान श्यामसुन्दर को कोई प्रेम नहीं कर सकता। राधा का हृदय केवल श्याम के लिए धड़कता है। कोई सखी श्यामसुन्दर का राधा से प्रेम बखान करती है। श्यामसुन्दर सदैव राधा जीकी सेवा को लालयित रहते हैं। श्याम को हर और राधा ही राधा लगती हैं। श्री जी बैठी बैठी सब सुनती हैं। उनके हृदय में राधा और श्याम के प्रेम का आस्वादन इतना बढ़ जाता है कि स्वयं को भूल ही जाती हैं। मन में राधा श्याम के प्रेम का ही चिंतन चलता रहता है। श्री जी बहुत उदास होकर बैठ जाती हैं। स्वयं का राधा होना ही भूल जाती हैं। मन में यही चिंतन श्याम राधा के हैं। राधा श्याम की है। दोनों का प्रेम नित्य है। हा ! मैं श्याम को प्रेम नहीं दे पाई। मुझसे श्याम को कोई सुख नहीं हुआ। राधा मेरे प्रियतम श्याम को प्रेम दे रही है। उनको सुखी कर रही है। मुझे इस बात से कितनी प्रसन्नता हो रही है। मेरे श्याम को सुख मिल रहा है। मुझे ये तो ज्ञात होना चाहिए ये राधा

नवरात्रि में देवी मां का सातवां रूप : मां कालरात्रि, जानें देवी मां का स्वरूप, पूजा विधि, मंत्र, भोग व मिलने वाला आशीर्वाद

 का लरात्रि एक वेधी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता। लम्बोष्ठी कर्णिकाकणी तैलाभ्यक्तशरीरणी।। वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टक भूषणा। वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयड्करी।। मां दुर्गा के सातवें स्वरूप को कालरात्रि कहा जाता है। मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है लेकिन ये सदैव शुभ फल देने वाली मानी जाती हैं। इसलिए इन्हें शुभड्करी भी कहा जाता है। दुर्गा पूजा के सप्तम दिन मां कालरात्रि की पूजा का विधान है। इस दिन साधक का मन सहस्त्रार चक्र में स्थित रहता है। उसके लिए ब्रह्मांड की समस्त सिद्धियों के द्वार खुलने लगते हैं। इस चक्र में स्थित साधक का मन पूर्णतः मां कालरात्रि के स्वरूप में अवस्थित रहता है। मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश और ग्रह बाधाओं को दूर करने वाली हैं। जिससे साधक भयमुक्त हो जाता है। नवरात्रि में देवी मां का सातवां (सप्तमी)रूप : मां कालरात्रि... मां का स्वरूप :   मां दुर्गाजी की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती हैं। मां कालरात्रि के पूरे शरीर का रंग एक अंधकार की तरह है, इसलिये शरीर काला रहता है। इनके सिर के बाल हमेशा खुले रहते हैं। गले में विद्युत की तरह

विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा बी.ए.एल.एल.बी. (ऑनर्स) सहित 13 परीक्षाओं के परिणाम घोषित

  उज्जैन : विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने बताया कि, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा बी.ए.एल.एल.बी. (ऑनर्स)  सहित 13 परीक्षाओं के परिणाम घोषित हुए हैं, जिसे विद्यार्थी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं... 

विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा एम.ए. (सीबीसीएस) हिन्दी सहित 4 परीक्षाओं के परिणाम घोषित

उ ज्जैन  : विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने बताया कि, विक्रम विश्वविद्यालय , उज्जैन  द्वारा  एम.ए. (सीबीसीएस) हिन्दी सहित 4 परीक्षाओं  के  परिणाम घोषित हुए हैं, जिसे विद्यार्थी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं... 

विक्रम विश्वविद्यालय में संचालित पाठ्यक्रमों में रिक्त सीटों पर प्रवेश के लिए 14 अक्टूबर तक किए जा सकेंगे आवेदन

विक्रम विश्वविद्यालय में संचालित पाठ्यक्रमों में रिक्त सीटों पर प्रवेश के लिए 14 अक्टूबर तक किए जा सकेंगे  आवेदन  अध्ययनशालाओं में संचालित 205 से अधिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए पहली बार आए साढ़े तीन हजार से अधिक आवेदन उज्जैन : विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन  की विभिन्न अध्ययनशालाओं  एवं संस्थानों में संचालित 205 से अधिक स्नातकोत्तर, स्नातक, डिप्लोमा एवं प्रमाण पत्र पाठ्यक्रमों में मेरिट के आधार पर प्रवेश की प्रक्रिया  चल रही है। ये पाठ्यक्रम विज्ञान, जीव विज्ञान,  इंजीनियरिंग, व्यवसाय प्रबंधन, कला, समाज विज्ञान, विधि, वाणिज्य, शारीरिक शिक्षा, कृषि, कंप्यूटर विज्ञान,  नॉन फॉर्मल एजुकेशन, फॉरेंसिक साइंस, फूड टेक्नोलॉजी आदि संकाय और विषय क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं। विश्वविद्यालय में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए पहली बार अब तक तीन हजार पाँच सौ से अधिक आवेदन पत्र आ चुके हैं। विक्रम विश्वविद्यालय की अध्ययनशालाओं एवं संस्थानों में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों में रिक्त सीटों पर प्रवेश के लिए आवेदन 14 अक्टूबर तक किए जा सकते हैं।  प्रो. शैलेंद्रकुमार शर्मा, कुलानुशासक, विक

मशरुम उत्पादन एवं उसके औद्योगिक उपयोग पर कुलपति प्रो पांडेय का व्याख्यान सम्पन्न

उज्जैन: पर्यावरण प्रबंधन अध्ययनशाला उज्जैन में प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय, कुलपति, विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा मशरुम खेती : परिचय, विकास एवं औद्योगिक उपयोग विषय पर विस्तृत व्याख्यान दिया गया, जिसमें वनस्पति विज्ञान अध्ययनशाला, प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला, पर्यावरण प्रबंधन अध्ययनशाला, रसायन एवं जैवरसायन विज्ञान अध्ययनशाला के छात्र-छात्राएं, शोधार्थी एवं शिक्षकगण उपस्थित थे। स्वत्रंत्रता का अमृत महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन लगातार विक्रम विश्वविद्यालय की विभिन्न अधयनशालाओं में किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत विभिन्न विषयों पर वेबिनार, सेमिनार, शैक्षणिक व्याख्यान एवं अन्य कलात्मक कार्यक्रमों का आयोजन निरंतर जारी है। इसी कार्यक्रम की निरंतरता में प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय, कुलपति विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा पर्यावरण प्रबंधन अध्ययनशाला में मशरुम उत्पादन एवं उनके औद्योगिक उपयोग विषय पर व्याख्यान दिया गया, जिसमे विभिन्न अधयनशालाओ के छात्र-छात्राएं, शोधार्थी एवं शिक्षकगण उपस्थित थे।  प्रोफेसर पांडेय ने अपने उद्बोधन में बताया कि मशरुम खाने में स्वादिष्ट होने के सा

जैव प्रौद्योगिकी की छात्रा ने प्रारम्भ किया केंचुआ खाद का स्टार्टअप

उज्जैन: प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में अध्ययनरत छात्रा ने कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय के उद्बोधन से प्रेरित होकर केचुआखाद का निर्माण एवं स्टार्टअप प्रारम्भ किया। छात्रा का यह प्रयास रोजगार स्थापित कर दूसरों के लिए रोजगार निर्मित करने का एक अनुकरणीय उदाहरण बन गया है।  प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में एमएससी तृतीय  सेमेस्टर जैवप्रौद्योगिकी में अध्ययनरत छात्रा कु पार्वती लबवंशी मूलतः सारंगगढ़ क्षेत्र के ग्राम तरलाखेड़ी की निवासी है। लगभग 7-8 माह पूर्व एक कार्यक्रम में माननीय कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय, कुलपति, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के स्वरोजगार से सम्बंधित व्याख्यान  से प्रेरित होकर अपने गांव मे वर्मीकल्चर की इकाई स्थापना करते हुए केचुआखाद का निर्माण प्रारम्भ किया, जिसमें अभी  लगभग 5-6 टन खाद का निर्माण किया जा चुका है। छात्रा ने अपने घर के आस-पास के किसानों एवं अपने कृषि फार्म से निकलने वाले कृषि अपशिष्ट पदार्थ एवं गोबर का संचय प्रारम्भ किया तथा वर्मीकल्चर यूनिट (वर्मीबेड़) का निर्माण करते हुए केचुए की केवल

हिंदी अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया निरन्तर जारी है

आवश्यक सूचना उज्जैन : हिंदी अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया निरन्तर जारी है:  एम ए हिंदी एम ए जनसंचार बीजेएमसी - बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन - एक वर्षीय पाठ्यक्रम (2 सेमेस्टर) निम्नलिखित पाठ्यक्रम किसी भी स्नातक/ स्नातकोत्तर / पीएच डी कोर्स के साथ किए जा सकते हैं :  रामचरितमानस में विज्ञान एवं संस्कृति प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन    प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम :  स्पोर्ट्स जर्नलिज्म साइंस जर्नलिज्म प्रवेश के लिए लिंक:   https://vikram.mponline.gov.in/Portal/Services/VIKRAM/Entrance/UTD/Admission_Entrance_Form.aspx प्रवेश आवेदन के लिए अंतिम तिथि : 14 अक्टूबर  2021 सम्पर्क :  94066 65548 9425945994

सर्वप्रथम माँ भारती को नमन करता हूं -श्री सुबोध मिश्र

राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के तत्वाधान में आयोजित गोष्ठी , "नवरात्रि में शक्ति आराधना का महत्व- आध्यात्मिक परिपेक्ष्य में" विषय पर संपन्न हुई श्री सुबोध मिश्र जी गोष्ठी में अपना मंतव्य दे रहे थे। उन्होंने कहा कि, दुर्गा के साथ-साथ सरस्वती की शरण भी जरूरी है । तभी शक्ति का विवेक के साथ सही उपयोग होता है। गोष्ठी की अध्यक्षता डॉ शाहाबुद्दीन शेख राष्ट्रीय संयोजक राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना महाराष्ट्र ने की। विशेष अतिथि के रुप में उपस्थित डॉ विनोद कुमार वर्मा ने कहा इन दिनों में हम नकारात्मक शक्तियों का संहार करके सकारात्मकता का संचार करते हैं । इन्होंने राम की शक्ति पूजा की बात की और कहा कि निर्गुण- सगुण नहीं कछु भेदा। डॉ सुवर्णा जाधव महाराष्ट्र कार्यकारी अध्यक्ष ने गारगी, पंडिता रमाबाई, आनंदीबाई , सावित्रीबाई फुले आदि शक्तिशाली महिलाओं की चर्चा की। सुरेखा मंत्री जी ने कहा कि, रात्रि का विशेष महत्व होता है। आध्यात्मिक और मानसिक शांति संचय करने के लिए इन 9 दिनों का अपना महत्व है। इन दिनों में हम सत्संग और ज्ञान प्राप्त करने के लिए मां के नौ रूपों क

हमें अपने महान सेनानियों को याद करना चाहिए – श्री नागर

हमें अपने महान सेनानियों को याद करना चाहिए – श्री नागर  विश्वविद्यालय में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत हुआ वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी श्री नागर का सम्मान एवं पुस्तक हिंदुस्तान का सफर का लोकार्पण उज्जैन : विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत माधवराव सप्रे स्मृति समाचार पत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान, भोपाल के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में वरिष्ठ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री प्रेमनारायण नागर का सम्मान एवं राज्यसभा टीवी के पूर्व कार्यकारी निदेशक श्री राजेश बादल की पुस्तक हिंदुस्तान का सफर का विमोचन सम्पन्न हुआ। 9 अक्टूबर को हिंदी अध्ययनशाला, वाग्देवी भवन में हुए इस महत्वपूर्ण आयोजन के मुख्य अतिथि वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी एवं कलमकार श्री प्रेमनारायण नागर, उज्जैन थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने की। विशिष्ट अतिथि माधवराव सप्रे समाचार पत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान, भोपाल के संस्थापक पद्मश्री श्री विजयदत्त श्रीधर एवं  विक्रम विश्वविद्यालय और रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर के पूर्व कुलपति प्

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