स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में शिक्षक पर्व धूमधाम से मनाया गया
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के पूजन अर्चन से हुई एवं तत्पश्चात कुलगान नेहा सिंह के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में पधारे समस्त अतिथियों का स्वागत कुमकुम तिलक एवं मालाओं से किया गया।
इस अवसर पर कार्यक्रम में माननीय कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय अध्यक्ष के रूप में उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में कुलसचिव प्रोफेसर प्रशांत पुराणिक उपस्थित थे।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि कुलानुशासक प्रोफेसर श्री शैलेंद्र कुमार शर्मा उपस्थित रहे। कार्यक्रम में पधारे समस्त अतिथियों का स्वागत समस्त विभाग अध्यक्ष श्री अमित ठाकुर, राजेश चौहान, आशीष सूर्यवंशी, खेमराज बैरागी एवं रघुनंदन सिंह बघेल द्वारा किया गया। कार्यक्रम में स्वागत भाषण स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर श्री संदीप तिवारी द्वारा किया गया ।
कार्यक्रम के मुख्य उद्बबोधन में कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने बताया कि इस संसार में प्रथम गुरु मात-पिता होते हैं जिस तरह अभिमन्यु ने माता के गर्भ मैं ही चक्रव्यूह का ज्ञान प्राप्त कर लिया था एवं बच्चों के शिशु काल से ही वह संस्कारों की शिक्षा देते हैं जो बहुत ही अनमोल है आज शिक्षक दिवस के पर्व पर शिक्षक के साथ-साथ माता-पिता का सम्मान भी आवश्यक है क्योंकि आजकल की नई पीढ़ी माता-पिता की महत्ता को कम आंक रही है जबकि उनका उनका योगदान अमूल्य है, जिन्होंने सभी को शिक्षा दीजिए उन्हें जीवन भर उचित मान-सम्मान दे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलसचिव प्रशांत पौराणिक ने छात्र जीवन में ही नहीं वरन अपने संपूर्ण जीवन में एक शिक्षक का क्या योगदान होता है, इस पर अपना व्याख्यान दिया।
कुलानुशासक प्रोफेसर श्री शैलेंद्र कुमार शर्मा ने इस अवसर पर डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में निर्धन छात्र मेहरबान सिंह परमार के पिता श्री करण लाल जी परमार जो पेशे से कृषक हैं । अपनी आर्थिक स्थिति खराब होते हुए भी अपने दोनों पुत्रों को उच्चतम शिक्षा के लिए प्रेरित किया एवं आज उनका पुत्र बीटेक के पश्चात एम टेक् डिजिटल कम्युनिकेशन का छात्र है उनके पिताश्री का सम्मान माननीय कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय द्वारा किया गया। इसी तारतम्य में श्रुति मालवीय जो बी टेक सिविल इंजीनियरिंग थर्ड सेम की छात्रा है, जिनके पिताजी का कुछ वर्ष पूर्व देहांत हो चुका है। उनकी परवरिश एवं शिक्षा का दायित्व उनके मौसा जी श्री तेजकरण जी सिसोदिया जो मध्य प्रदेश शासन में पटवारी के पद पर कार्यरत हैं, बहुत ही बखूबी से निभा रहे हैं, इसी सोच को साथ में रखते हुए उनका कुलपति एवं कुलानुशासक द्वारा सम्मान किया गया एवं भविष्य में हर सम्भव सहायता का आश्वासन दिया गया।
कार्यक्रम का आभार स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के समन्वयक डॉ. विष्णु कुमार सक्सेना द्वारा दिया गया। कार्यक्रम का संचालन अमृता शुक्ला द्वारा किया गया। कार्यक्रम में समस्त फैकल्टी कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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