Skip to main content

अंतिम वर्ष की विश्वविद्यालयीन परीक्षाओं की प्रक्रिया दो दिन में तय कर बतायें - मुख्यमंत्री श्री चौहान

तकनीकी शिक्षा महाविद्यालयों के अंतिम वर्ष की परीक्षाएं ऑनलाइन होंगी
मुख्यमंत्री श्री चौहान की यूजीसी के नए निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में बैठक 


भोपाल : बुधवार, जुलाई 15, 2020, 21:32 IST


मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में विश्वविद्यालयीन परीक्षाओं में स्नातक में प्रथम एवं द्वितीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर परीक्षाओं में प्रथम वर्ष की परीक्षाएं नहीं करवाने का निर्णय पूर्व में लिया गया है। तदनुसार गत परीक्षाओं के अंकों के आधार पर अंतिम वर्ष/सेमेस्टर में प्रवेश दिया जाएगा। यूजीसी के नवीन निर्देशों के अनुसार अंतिम वर्ष/सेमेस्टर की परीक्षाएं करवाई जाएंगी। तकनीकी शिक्षा महाविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित होंगी। अन्य सभी महाविद्यालयों में ऑफलाइन परीक्षाएं करवाने के संबंध में दो दिन में प्रक्रिया निर्धारित कर प्रस्तुत करे।


मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में यूजीसी के नवीन निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश में विश्वविद्यालयीन परीक्षाओं के संबंध में बैठक ले रहे थे। बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, तकनीकी शिक्षा मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री अनुपम राजन, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा श्रीमती करलिन खोंगवार, आर.जी.पी.वी विश्वविद्यालय के कुलपति तथा अन्य संबंधित उपस्थित थे।










































































स्नातक/स्नातकोत्तर स्तर पर अंतिम वर्ष/सेमेस्टर में परीक्षार्थी संख्या 2019-20



क्रं



विश्वविद्यालय का नाम



स्नातक तृतीय वर्ष



स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर



1.



बकरतउल्ला विवि भोपाल



85980



36949



2.



जीवाजी विवि, ग्वालियर



46241



13543



3.



विक्रम विवि, उज्जैन



46982



11503



4.



रानी दुर्गावती विवि, जबलपुर



65585



17008



5.



महाराजा छत्रसाल विवि, छतरपुर



33481



13266



6.



देवी अहिल्या विवि, इंदौर



89529



30526



7.



अवधेश प्रताप सिंह विवि, रीवा



44499



18804



8.



छिंदवाड़ा विवि, छिंदवाड़ा



-



-



 



योग



4,30,298



1,41,599



 



कुल योग



5,71,897



30 सितम्बर तक ली जाना हैं अंतिम वर्ष की परीक्षाएं


बैठक में प्रमुख सचिव श्री अनुपम राजन ने बताया कि यूजीसी के नवीन निर्देशों के अनुसार अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 30 सितम्बर तक ली जाना है। प्रथम एवं द्वितीय वर्ष में आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाना है। अंतिम वर्ष/सेमिस्टर की परीक्षाएं ऑनलाइन/ऑफलाइन या मिश्रित तरीके से की जा सकती हैं।


तकनीकी शिक्षा में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं ऑनलाइन


तकनीकी शिक्षा मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने बताया कि तकनीकी शिक्षा के अंतर्गत आने वाले महाविद्यालयों में ऑनलाइन आधार पर परीक्षाएं होंगी। पहले भी आर.जी.पी.वी विश्वविद्यालय द्वारा ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की जा चुकी है। आरजीपीवी के कुलपति ने बताया कि तकनीकी शिक्षा अंतिम वर्ष में चार प्रश्न पत्र होने हैं। विश्वविद्यालय के अंतर्गत अंतिम वर्ष में लगभग 35 हजार विद्यार्थी परीक्षा देने वाले है।


10 दिन में हो जाएगी प्रक्रिया निर्धारित


उच्च शिक्षा मंत्री श्री मोहन यादव ने बताया कि प्रदेश के महाविद्यालयों में लगभग 6 लाख विद्यार्थी हैं। इनकी ऑफलाइन परीक्षाएं लिए जाने के लिए प्रक्रिया निर्धारित की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि कोरोना संकट के चलते परीक्षा इस प्रकार ली जाए कि कोरोना संक्रमण फैलने का कोई खतरा नहीं रहे। इसके लिए दो दिन में प्रक्रिया निर्धारित कर प्रस्तुत की जाए। तदनुसार निर्णय लिया जाएगा।


Bkk News


Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर


Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets - http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar


Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं