Skip to main content

रबी सीजन 2020-21 के दौरान दलहन, तिलहन और गेहूं की खरीद पूरी तेज गति से जारी है  

कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय


2,682 करोड़ रुपये मूल्‍य की दलहन और तिलहन की खरीद की गई, 3.25 लाख से भी अधिक किसान लाभान्वित  

ग्रीष्मकालीन फसलों की बुवाई क्षेत्र कवरेज में उल्लेखनीय वृद्धि




रबी 2020-21 सीजन के दौरान 02.05.2020 तक 2,682 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य पर 2,61,565 मीट्रिक टन दलहन और 3,17,473 मीट्रिक टन तिलहन की खरीद की गई है जिससे 3,25,565 किसान लाभान्वित हुए हैं। इनमें से 14,859 मीट्रिक टन दलहन और 6706 मीट्रिक टन तिलहन की खरीद 1 और 2 मई, 2020 को मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे छह राज्यों में की गई। इसके अलावा, रबी विपणन सीजन 2020-21 में एफसीआई में कुल 1,87,97,767 मीट्रिक टन गेहूं प्राप्त हुआ है, जिसमें से 1,81,36,180 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है।


इस बीचग्रीष्मकालीन फसलों की बुवाई क्षेत्र कवरेज निम्नानुसार है:  



  • चावल: पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 25.26 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस बार ग्रीष्मकालीन चावल के अंतर्गत लगभग 34.80 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवर किया गया।

  • दलहन : पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 5.44 लाख हेक्टेयर की तुलना में दलहन के अंतर्गत इस बार लगभग 8.77 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवर किया गया।

  •  मोटा अनाज : पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 5.49 लाख हेक्टेयर की तुलना में मोटे अनाज के अंतर्गत इस बार लगभग 9.12 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवर किया गया।

  • तिलहन : पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 7.00 लाख हेक्टेयर की तुलना में तिलहन के अंतर्गत इस बार लगभग 8.87 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवर किया गया।


 


कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार कोविड 19 महामारी को देखते हुए लॉकडाउन अवधि के दौरान क्षेत्र (फील्‍ड) स्तर पर किसानों और कृषि गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के लिए कई उपाय कर रहा है। लॉकडाउन अवधि अर्थात 24.03.2020 से लेकर अब तक की अवधि के दौरान  प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के अंतर्गत  लगभग 9.06 करोड़ किसान परिवारों को लाभान्वित किया गया है और अब तक 18,134  करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।


Bkk News


Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर


Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets - http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar


Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं