मध्यप्रदेश :
🔴 श्रम सुधारों के नाम पर कारखानों में 12 घंटे की पाली, श्रम कानूनों के परिपालन के लिये निरीक्षण पर रोक, ठेका श्रमिकों के लिये ठेकेदारों की मनमर्जी, दुकानों एवं संस्थानों में 18 घंटे का काम की व्यवस्था कायम करने की शिवराज सरकार की घोषणा को केन्द्रीय श्रमिक संगठनों, कर्मचारी महासंघों ने मध्य प्रदेश में औद्योगिक संस्थानों में जंगल राज की कायमी बताते हुये इन्हें तुरन्त वापस लेने की मांग की है।
🔴 #इंटक प्रदेश अध्यक्ष आर.डी. त्रिपाठी, #सीटू प्रदेश महासचिव प्रमोद प्रधान, #एटक प्रदेश उपाध्यक्ष रूपसिंह चौहान, #एआईयूटीयूसी अध्यक्ष जे.सी. बरई, #एचएमएस प्रदेश अध्यक्ष हरिओम सूर्यवंशी, #बैंक कर्मचारियों के महासचिव वी.के शर्मा, #केन्द्रीय कर्मचारियों के महासचिव यशवंत पुरोहित, #बीमा कर्मचारियों के सहसचिव पूषण भट्टाचार्य, सीटू सहायक महासचिव ए टी पदमनाभन, एटक सहायक महासचिव एच.एस.मौर्या ने एक संयुक्त विज्ञप्ति जारी की ।
🔴 संयुक्त विज्ञप्ति में कहा गया है कि कोरोना लॉक डाउन में नियोजकों कारपोरेट घरानों, ठेकेदारों, बिल्डर्स, की मुनाफे की हवस और गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के चलते जब आज लाखों मजदूर सड़कों पर बेबसी और भुखमरी के शिकार हो रहे है तब इन पर अंकुश लगाने के बजाय मजदूरों पर गुलामी थोपी जा रही है ?
🔴 मजदूर कर्मचारी नेताओं ने राज्य सरकार के इस निर्णय को एकतरफा, शोषणकारी व कारपोरेटपरस्त बताते हुये इस कदम का व्यापक विरोध करने का एलान किया ।
🔴 ट्रेड यूनियन नेताओं ने कहा कि प्रदेश में दलबदल कर बनायी गयी सरकार ने वैधानिक व जनतांत्रिक प्रक्रियाओं को धता-बताकर इन केन्द्रीय कानूनों में बदलाव कर दिखाया है कि उस के लिये कारपोरेट्स का हित सर्वाेपरी है।
🔴 घोषणा के बाद प्रदेश के श्रमायुक्त द्वारा जारी पत्र के जरिये लॉक डाऊन के दौरान ड्यूटी पर न आने वाले श्रमिकों का वेतन काटने की मालिकों को दी गयी खुली छूट की भी ट्रेड यूनियनों ने तीखी आलोचना की है।
🔴 उन्होंने कहा कि आज जब श्रमिक रेड जोन और कंटेनमेंट के चलते प्रशासनिक पाबंदियों में फंसा हुआ है, तब उनकी अनुपस्थिति पर वेतन कटौती की इजाजत देना अन्यायपूर्ण है ।
🔴 वक्तव्य में मुख्यमंत्री से कहा गया है कि यदि प्रदेश में उद्योग विकसित कर विकास करना चाहते है तो श्रम को प्रोत्साहन, संरक्षण एवं सम्मानजनक दर्जा देकर ही ऐसा किया जा सकता है ।
🔴 सरकार के फैसले को श्रमिकों की लूट और पूंजी के लिये छूट की नीति बताते हुये नेताओं ने प्रदेश के मजदूर कर्मचारियों से इसका पुरजोर विरोध करने की अपील की।
#11_मई_विरोधदिवस
🔴 11 मई को होगा प्रदेश भर में विरोध
🔵 ट्रेड यूनियन नेताओं ने विचार विमर्श के बाद निर्णय किया कि कोरोना वायरस के बचाव के लिये घोषित मापदंडों और अनुशासन को कायम रखते हुये 11 मई को प्रात: 10 से 11 बजे के बीच (10-15 मिनट के लिये ) जो जहां है वह वहीं से विरोध प्रदर्शन करेंगा।
🔵 ट्रेड यूनियन नेताओं ने कहा कि यदि सरकार मजदूर विरोधी निर्णय को वापस नही लेगी तो आंदोलनात्मक कार्यवाही को तेज करने के सम्बन्ध में भी निर्णय लिया जावेगा।
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